मुट्ठी में जहान...

on Sunday, September 27, 2015
- सर हम इंग्लिश नहीं पढ़ना चाहते ..
 ~ हैं...ऐसा क्यों भाई ?
- सर इतनी मुश्किल से हम लोग ABCD सीखे और अब आप कहते हो की कैपिटल ABCD तो ठीक है मगर अब स्मॉल abcd सीखना है वो ज्यादा जरूरी है टेस्ट के लिए ..
~ बेटा सबकुछ तो स्मॉल abcd में लिखा होता है तो वो तो सीखना पढ़ेगा वरना एडमिशन होना नामुमकिन है
- सर हिंदी में  तो ऐसा कुछ नहीं होता कैपिटल और स्मॉल " क ख ग घ " फिर इंग्लिश में ऐसा क्यों ..
बाकी चार बच्चे भी उसके साथ हाँ में हाँ भर रहे थे ..
~ तुमको पता है इसका जवाब ,मैं बोला ..
 मैं मुस्कुराया और वो भी मुस्कुराई और बोली..
- अब आप कहोगे की अंग्रेज पागल हैं ..
         जब भी ऐसा क़ोई फंसने वाला प्रश्न हमारे सामने आता जिसका लॉजिकल जवाब हमारे पास भी नहीं होता तो यही यूनिवर्सल जवाब इजात किया था हमने .. सपोज बच्चे पूछें की now और know और no क्या फर्क बोलने में  ..तो पहले समझाया की k साइलेंट है ..क्या समझना था उन्होंने अगला सवाल तपाक से आएगा
- तो सर साइलेंट है तो फिर आगे लगाया ही क्यों 😢 ?
ऐसी कई परिस्थितियों से बचने का संजीवनी उपाय था..
~ बेटा ये मान लो की अंग्रेज पागल हैं ...

विंटर ऑफ़ 2008 , झुग्गी के 7x9 फ़ीट के उस कमरे में रात 9 से 11 बजे की क्लास का दृश्य ...शुरुवाती जर्नी के लिए  blog पढ़ें

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- हैलो सर , हाउ आर यू सर ?
फोन के उस तरफ से वो बोली
~ आई एम् फाइन ,हाउ आर यू मैडम ? मैं चिढ़ाने के लिए बोलता हूँ और हमेशा की तरह उसका तपाक से जवाब आता है
- डोंट कॉल मी मैडम ,वी आर योर स्टूडेंट सररर..
~ अच्छा अच्छा ठीक है ...
- हैप्पी बर्थडे सर ..हैप्पी टीचर्स डे सर , ऑल्सो हैप्पी जन्माष्ठमी सर  ..आपको पता है एक तारीख से रोज सुबह इतंजार कर रही थी की कब पांच तारीख आये और कब आपको विश करूँ ..
वो एक सांस में  बोलती है ये सब ..
~ अच्छा ?
- सर आपको एक बात बोलूँ ?
~ बोल ..
- सर हम कितने लक्की है फोर्चुनेट हैं ना की हमारे टीचर का बड्डे सारा देश मना रहा है 😊  ..
     वो जोर से खिलखिलाई और फिर से बोली
-  सर , या तो सर्वपल्ली राधाकृष्णन के स्टूडेंट्स लकी थे या फिर हम लकी हैं ..दोनों के टीचर्स का बड्डे टीचर्स डे के रूप में मना रहा है देश ;) 😊..
~ बेटा तू कुछ ज्यादा ही बड़ी हो गयी है ..मैं बोला और हँसने लगा ..
वो जोर जोर से फोन के उस तरफ से हंसती है और बोलेगी
- सर बहुत मजा आ रहा है आपसे बात करके ,बाकी दिन आप ऑफिस से बात करते हो तो धीरे-2 बात करते हो आज पुरे जोश में हो ..
- बेटा मेरा बड्डे है तो जोश में तो रहूंगा ही ना ऊपर से टीचर्स डे अलग ..मैंने भी अपने 3-4 टीचर्स को फोन करके उनको थैंक यू बोला तो और भी मजा आया ..
- सर यही तो आपके टीचर्स ने आपको आगे बढ़ाया और आप हमको बढ़ा रहे हो और फिर जब हम बढे हो जाएंगे तब हम किसी और की मदद करेंगे ..
~ हाँ तो यही तो मैं तुमको बचपन से कहता आया हूँ की ये चेन आगे बढ़ती रहनी चाहिए .. चेन रिएक्शन तू अगले साल 11th में पढ़ेगी ..अच्छा ये बता ये शादी और सगाई का क्या चक्कर है ..?
- सर बहुत दिनों तक रोज बहस होती रही घर पे फिर सब मुझे समझाने आते रहे की इतनी सारी बहनें हैं कैसे करेंगे सबकी शादी अगर तू नहीं मानी तो ..जब बहुत हो गया तो मेरी दो शर्तों पर वे भी मान गए और मैं भी ..
वो थोड़ा मुरझा सा गयी ये बोलते वक़्त ..
~ क्या शर्त ?
- सर एक तो की मैं शगाई कर लेती हूँ अभी, मगर शादी कम से कम बारहवीं पास करने के बाद तब तक मैं 18 साल की भी हों जाऊंगी..
~ और दुसरी ??
- दुसरी ये की मेरी पढ़ाई शादी के बाद भी जारी रहेगी ..
   मैं अचानक उस छोटी सी बच्ची की आवाज में गजब का संकल्प महसूस करता हूँ ..गजब की शक्ति और अद्भुत आत्मविश्वास .. ये वो ही बच्ची थी जिसको स्मॉल abcd नहीं पढ़ना था 7 साल पहले ...जिसको अगर Aid Noida ने मदद नहीं की होती तो बाकी बच्चों की तरह वो अनपढ़ रहती और प्रोबबली 2-3 साल पहली ही उसकी शादी भी हो चुकी होती .. मैं थोड़ा और टटोलने के बहाने पूछता हूँ
~ अगर उन्होंने पढाई रुकवा दी तो ?
- सर पढ़ाई तो मैं हर हाल में  करूंगी किसी ने मेरी पढाई रुकाने की कोशिश भी की ना चाहे वो अम्मी-अब्बा ही क्यों न हो " तब देखेंगे वो की मैं क्या कर सकती हूँ " फिर से वो दृढ़-संकल्प था उस आवाज में ..

         कमाल का को- इंसीडेंस है फोन के उस तरफ से नमाज से पहले की अजान( अल्लाह हो अकबर ..) की आवाज गूँज रही थी और जन्माष्ठमी की रैली वाले मेरी बाल्कनी के पास से गुजरते हुए "हरे रामा हरे कृष्णा " गाते हुए मृदंग के साथ सारे माहौल को गरजा रहे थे ..

#Letsprivilgedonehelptomakethelifeofthesekids