~~ साढे आठ मिनट और तुम~~

on Friday, December 11, 2015
रियर मिरर में पिछली कार में बैठी नवयुवती को देख मेरे मुंह से अक्सर निकलता है "सुन्दरी " और बगल की सीट में बैठी तुम धीरे से मुस्कुराती सी कुछ झूठ-मूठ का गुस्सा प्रदर्शित करती...फिर हम दोनों एनालिसिस करते हैं गाड़ी को उस कार के नजदीक ले जाकर की वो नवयुवती असल में सुन्दर है या ये मिरर का झूठ था.. किशोर-दा अक्सर बैकग्राउंड स्कोर गा रहे होते हैं ""की जैसे तुझको बनाया गया है मेरे लिए "" ..
सुबह नौ बजकर बीस मिनट से लेकर नौ बजकर साढे अठाईस मिनट की हम दोनों की ये जर्नी पुरे दिन का सबसे ब्यूटीफुल टाइम लगता है मुझे ..कार से उतरते वक़्त तुम्हारा बड़े लाड से कहना की " जल्दी बाजी में नहीं ध्यान से चलाना " और फिर वो कहना जो कोई और कभी नहीं कहता मुझसे ;) "गुड डे" ..

थोड़ी देर मैन रोड तक आते-2 मेरा "तुम्हारा मेरी होने के लिए" ऊपर वाले को धन्यवाद कहना और मंद-2 मुस्कुराना ,सुबह अपने आप उन साढ़े आठ मिनटों में जीवंत हो जाती है ..
             " 'बेब' नहीं तुम्हारी हालत देख के अब तुमको 'बेबे' ही मिल पाएगी " कल वाला तुम्हारा ये कथन जिसमें तुमने बड़े दिनों बाद "छक्का" मारा था , अच्छा था .. यद्यपि इससे मैं टोटली डिसअग्री करता हूँ ;)
तुम्हारे जन्मदिन के सहारे मैं कुछ लिख लेता हूँ आज ज्यादा नहीं बस इन्ना(ये इन्ना भी तुम्हारी ही देन है ) ही ..
Happy Bday Heroine Poonam Nigam Keep Rocking and keep being Awesome .. ;)

Love
Darsh ;)

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