Happy New Year Sir !!

on Saturday, June 20, 2009

दिन मंगलवार,30 दिसम्बर 2008:-

बस नo 492 , नेहरू प्लेस से नोएडा सैo 22 , मैं बस पकडने के लिये भाग ही रहा था की बस निकल गयी ! नया बाँस के बस स्टैंड पर खडा होकर मैं सोच रहा था कि मुझे प्रयास की रात की क्लास लेते हुए पूरा एक साल हो गया है ! रात के तकरीबन सवा दस बज रहे थे और उपर से दिसम्बर का यह महीना , बहुत ही सर्द रात थी यह ! इस बस स्टैंड से नजारा कुछ ऐसा होता है कि सामने सडक के दूसरी तरफ देशी दारू के ठेके पर लोग शराब अथवा जीवन के नशे में अनर्गल बातें कर रहे होते हैं ,उसके सामने एक चिकन का ठेला जो कि बडे से कुडेदान के ठीक बायीं ओर है ,ठेले के नीचे कुछ आवारा कुत्ते इस इंतजार में अपनी लार तपका रहे हैं कि शायद कोई भला मानुष कुछ बचा हुआ गोश्त और चबाई हुई हड्डियाँ उनकी ओर सरका दे ! बहुत सारे रिक्शे वाले कंबल लपेटे हुए ग्राहकों के इंतजार में अपने रिक्शे में बैठे हैं ! चूँकि मैं करीब एक साल से इसी जगह से बस या रिक्शा लेता हूँ तो कुछ रिक्शा वाले मुझे जानने भी लगे हैं ! मैं सोच रहा था कि लोग कहते हैं कि नया बाँस नामक यह जगह रात को सुरक्षित नहीं है परंतु मेरे साथ एक साल में तो कोई दुर्घटना नहीं हुई !
यही सब सोचते हुए जब थोडी देर हो गई, तो मैने निर्णय लिया कि रिक्शा लेकर घर चला जाय ! अक्सर प्रयास की कक्षा के बाद समय मिलता है तो मैंने मोबाईल निकाल कर एक नo 93180…. डाँयल किया ही था कि लगा मेरे मोबाईल को शिकार समझकर जैसे कोई तेजी से उसकी तरफ झपटा !! और देखते ही देखते दो मोटर-साईकिल सवार कोहरे और अंधेरे में गुम से हो गये ! मुझे कुछ भी नहीं समझ आया कि कैसे अपने क्रोध और आवेश को बाहर निकालूँ ! सामने रिक्शे वाला जो कि अभी तक इस सब से अनभिज्ञ था उसे जब मैंने ये बताया तो वह गाली देने लगा उन चोरों को, मै तो जैसे समझ ही नहीं पा रहा था कि क्या कहूँ और क्या करूँ ! दिल्ली-राजधानी क्षेत्र में यह मेरा दूसरा मोबाईल फोन चोरी हुआ ! वर्ष 2008 के आखिरी दिनों में ऐसा होगा ये नहीं सोचा था ! घर पहुँच कर सबसे पहले Airtel customer care पर सिम ब्लाक करवाने के लिये जूझना पडा ! Airtel customer care की यह हालत पहले मह्सूस नहीं हुई कभी पर जब सेल्वा ने बोला कि Airtel Sucks !! और मेरा खुद का यह कट्टु अनुभव तब सत्य से सामना हुआ ! सच कहूँ तो पिछले कुछ दिनों से मैं इस बात से बहुत खुशी मह्सूस कर रहा था कि वर्ष 2008 बहुत ही खूबसूरत गुजरा है ! तो साल के आखिरी दिन से पहले की यह रात मुझे इशारा कर रही थी कि संतुलन स्वयं अपना रास्ता ढूँढ लेता है ! किसी तरह Airtel में अपने फोन नo को ब्लाक करवाने के बाद 30 दिसम्बर का ये दिन बीत ही गया !
दिन बुधवार,31 दिसम्बर 2008 :-
अगली सुबह से मेरी ये जद्दोजहद शुरू हुई की कैसे भी वही मोबाईल नम्बर आज ही लेना है ताकि नये साल की कई wishes रह ना जाय ! उपर से घर वालों को दूसरा मोबाईल चोरी होने की खबर(पह्लले मोबाईल चोरी के पश्चात ही ये वाला मोबाईल आया था J ) देकर मैं उनका यह भ्रम भी नहीं तोडना चाहता था कि मैं जिम्मेदार हूँ , गैर जिम्मेदार नहीं ! सुबह आफिस आकर मेरी ये कवायद शुरु हुई ! मैने आशिष को बोला कि मुझे अपने साथ बाईक पर क़रोलबाग ले चल ताकि नये सिम के लिये application दे सकुन और फिर से कोई नया मोबाईल खरीद सकूँ ! आज के दौर में Plastic Money यनि credit cards के होने से ये फिक्र तो नहीं रह्ती कि आपके पास पैसे है या नहीं ! सो मैं और आशिष करोलबाग के Airtel Customer Care Center पहुंचे तो उन्होने पैन कार्ड की दो फोटोकापी और 2 फोटो माँगी ! Center पर फोटोकापी मशीन होने के बावजूद वो लोग बाहर से करने को बोलते है ! करोलबाग की मार्किट में भटकने के पश्चात किसी तरह सारे दस्तावेज देकर जब सिम की बात आई तो उन्होने सिम तो दे दिया मगर ये बोला कि शाम के 4 बजे तक active हो जायेगा ! फिर एक ईलक्ट्रानिक्स स्टोर से Credit Card की plastic money से एक सस्ता सा नोकिया मोबाईल खरीदा ! इस सारे काम में कम से कम 2 घण्टे तो लग ही गये ! जिस तरह से सरकारी आफिस में जाने के पश्चात हम में से हर एक इंसान दुखी हो जाता है वहाँ का वातावरण इतना ज्यादा नकारत्मक और कष्ट्कारी होता है वैसी ही भावनायें महसूस कर रहा था मैं ! जबकि मैं किसी भी सरकारी आफिस में नही गया था ! आफिस पहुंचने के बाद सव लोगों की दया भाव और सांत्वना वाली नजरें और भी दुखी कर रही थी ! इंसान इतना दुखी होता नहीं जितना कि आपके तथाकथित शुभचिंतक आपको दयापात्र बना कर दुखी कर देते हैं ! उपर से Airtel वाले जो कि 4 घंटे होने के बावजूद मेरा सिम Active नहीं कर रहे थे ! वैसे बात सोचने कि ये भी है कि जब मोबाईल फोन नहीं होते थे तो जिन्दगी तब भी इतनी ही खुशीयों भरी थी और तब भी हम लोग सबसे जुडे हुए होते थे ! आज मोबाईल के बिना ऐसा लगता है जैसे जिन्दगी थम सी गयी है ! खास बात ये थी कि 31 दिसम्बर होने की वजह से मैं नहीं चाहता था कि अपने दोस्तों या चाहने वालों से नये साल की शुभकामनायें लेने या देने में एक फोन का न होना बाधा बने !
5 बज चुके थे और मेरा सिम चालू नहीं हुआ था ! कस्ट्मर केयर में कई बार कॉल करने के बाद मुझे बताया गया कि मेरे बिल का भुगतान नहीं हुआ था ! जबकी आखिरी तिथि अभी दूर थी तुरंत इंटरनेट से बिल जमा करवाया मगर अभी भी मेरा नया सिम चालू नहीं हुआ था ! पूरा दिन मेरा खराब हो गया था और अब मेरा सब्र का बाँध भी डगमगाने लगा था ! मैंने पूनः कस्टमर केयर पर बात जो की मैं सुबह से कई बार कर चुका था तो मुझे बताया गया की चूंकी मैंने अपना पुराना सिम ब्लाक करवा दिया था तो इसलिए नया सिम भी ब्लाक है और उसको वहीं से चालू किया जा सकता है जहां से सिम खरीदा गया है ! आफिस में मन तो लग नहीं रहा था ऊपर से ये पता चला कि करोलबाग का सेण्टर 7:30बजे बंद हो जाएगा ! अब तक 7 बज चुके थे किसी तरह मेट्रो पकड़ कर मैं 7:15 बजे तक करोलबाग के कस्टमर केयर सेण्टर पहुंचा ! कुछ हैरान सा कुछ परेशान सा बल्कि ये कहो की बहुत परेशान सा मैं कस्टमर केयर एक्जीक्यूटिव को अपनी कहानी सुनाई !वो एक तकरीबन 30-32 साल की युवती थी ! उसने मुझसे सांत्वना प्रकट की
और मुझे आश्वाशन दिया की " सर आपका फोन इस साल में ही अर्थात आज ही चल जाएगा " मेरी व्याकुलता और परेशानी को समझते हुए मेरे लिए पानी मंगवाया ताकि मेरा ताप कुछ कम हो सके :) ! दिन भर की जद्दोजहद और सिरदर्द के बाद कुछ तो राहत मिली वरना पूरा दिन कस्टमर केयर से लड़ने व बहस करने में ही गुजर गया था ! मेरा मूड काफी खराब और परेशानी पुर्ण था ! उस युवती ने 5-7 मिनट के पश्चात मुझे बताया की "आपका फोन आधे घंटे में चल जाएगा सर" मैंने पुनः पुछा की फिर से ऐसा न हो की मेरा फोन ब्लाक ही रह जाय ! वो युवती बोली की सर आप कस्टमर केयर सेण्टर का फोन नो. ले लीजिये चाहे तो वरना आप मेरा न. ले लीजिये :) !
मैंने उसकी अनुरोध पर विश्वास करते हुए अपना धन्यवाद प्रकट किया और अपनी सीट से उठा और चलने को बना ही था की पीछे से उस युवती की आवाज आयी " Happy New Year Sir" "आपका नया साल शुभ हो " ! उस क्षण के लिए ऐसा महसूस हुआ जैसे पूरे दिन भर का बुरा अनुभव ख़त्म हो गया ! जैसे हमें कभी-कभी किसी अनजान इंसान से मिलने के बाद अपार खुशी होती है ! बाद में मेट्रो से आते हुए मैं बस यही सोचता रहा की कभी-कभी हम किसी अनजान इंसान से भी काफी कुछ पा जाते हैं और काफी कुछ सीख भी जाते हैं ! ठीक आधे घंटे में मेरा फोन चल गया और घर (D-51) आकर मैंने चौहान और रैम्बो को उस युवती और आज के दिन का वर्णन किया और उनको ये भी बताया की मेरे नए साल की पहली शुभकामना भी मुझे मिल चुकी ! और मुझे यकीन है की मेरा नया साल अवश्य शुभ होगा !!


Darshan Mehra
darshanmehra@gmail.com

PS: your feedback always motivates to write better ,so give it now on COMMENT section :)



11 comments:

Ninja said...

Its nice to read about a bad day .. someday I would like to write about bad week and month ... I have been in this state many time .. and have felt . how everything sucks.. but than an encounter or chat with someone known or unknown give me hope that there is something more there in life -- which I should celebrate....
I would like to celebrate more :- If I have encouters like darshan had on last day of december last y ear :P

Kalindi Sharma said...

Darshan us ladki ka number liya tha ki nahi ;)?
hmm..on a serious note its really amazing to see how you turn a simple day to day incident into an interesting story ...very good :)

Divya Prakash said...

दर्शन भाई ....

अच्छा लिखा है ... लेकिन नंबर लिया की नहीं ....तुमने !!
हार साल ऐसे ही नए अजनबियों से जान पहचान बढ़ने का न्यू इयर रेसोलुशन ले लो ,,,

दिव्य प्रकाश दुबे




http://masterstroke-productions.blogspot.com/

Unknown said...

good man achha likha hai tune..
as usual hamesha ki tarah..
1-2 baatein badi sahi thi ya bola jai mai bhi kuch aisa hi sochta hoon like "tum kabhi itne dukhi hote nahi ho jitna ki log khali ka daya bhav dikhate hai..."
rest ladki ka new yr par tumhe wish karna achha tha karan kuch bhi means as a her professionalism or as e human nature....

Unknown said...

yaar sabhi ne likha ki no nahi tune...
jo hota hai achha hi hota hai..
no leta aur kahli mai tu us ladki ko pareshan karta :PPP

दर्शन said...

@ Kalindi,Divya & Chauhan :

I did not took the phone no of that girl as it was not needed .. i had a phone no. already which i have mentioned in the beginning of the tale :)...

the best part is she trusted me and i did not take the phone no... yahi to majedaar baat thi saari story ki :)

darshan

Anonymous said...

nice piece of work sir....itstrue that after a long period of bad incidences you meet some stranger ...and that one meeting makes you happy...i have never experienced it....but i do want to ....

neways sir keep up the good work!!:)

selva ganapathy said...

badhiya hai!... is saal mein bhi dec 30th ko kisi anjaani ko bolta hoon mujhe Happy New Year wish karne ke liye :P.....

Vidhya said...

Darsh you have once again gifted your fans with a nice experience of your life. Thanks and Keep this trend going on and on... :)

2-2 said...

Acha likha hai...Darshan aapne..

Fellow AIDer GGN

PD said...

धारा प्रवाह लेखनी.. मैं तो बह ही गया..

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